आजकल आप कहीं न कहीं डायरेक्ट सेलिंग शब्द का उपयोग होते जरुर सुना होगा। आजकल व्यापार का यह तरीका बेहद प्रसिद्ध होता जा रहा है। कई सारे लोग आपको मिल जायेंगे जो इस तरह के किसी न किसी डायरेक्ट सेलिंग बिज़नेस में काम कर रहे होंगे।
लेकिन यहाँ पर MLM, नेटवर्क मार्केटिंग और डायरेक्ट सेलिंग को लेकर कई लोग confusion में होते हैं। कई सारे लोग कहते हैं की ये सभी एक ही हैं।
लेकिन क्या यह सच है?
आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं और जानने वाले हैं की direct selling और network marketing (MLM) के बीच क्या differences हैं।
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डायरेक्ट सेलिंग क्या है? What is Direct Selling in Hindi
दरअसल किसी कंपनी के पास अपने प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए दो मुख्य तरीके होते हैं:
- ट्रेडिशनल मार्केटिंग: यह पुराना तरीका है जिसमे होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर, रिटेलर जैसे लोगों का एक चैनल होता है जिसके माध्यम से प्रोडक्ट या सर्विस को बेचा जाता है।
- डायरेक्ट सेलिंग: इसमें कंपनी और ग्राहक के बीच कम से कम लोग होते हैं। प्रोडक्ट को डिस्ट्रीब्यूटर या सेल्स पर्सन के माध्यम से सीधे ग्राहक तक पहुँचाया जाता है।
डायरेक्ट सेल्स या डायरेक्ट सेलिंग डिस्ट्रीब्यूशन का एक ऐसा तरीका है जिसमे डायरेक्ट सेलर के माध्यम से प्रोडक्ट को बेचा जाता है। ये डायरेक्ट सेलर अपने आप में स्वतंत्र होते हैं, ये कंपनी के कर्मचारी के श्रेणी में नही आते हैं और न ही इनको कर्मचारियों की तरह मासिक सैलेरी मिलती है।
एक direct selling representative या डायरेक्ट सेलर self employed की श्रेणी में आते हैं। ये प्रोडक्ट का प्रचार प्रसार और बिक्री भी स्वयं करते हैं। प्रचार-प्रसार की सामग्री भी खुद के पैसे से खरीदते हैं।
एक डायरेक्ट सेलर कई तरह से काम कर सकता है जैसे:
- वन-टू-वन सेल्स – इसमें कस्टमर से अपॉइंटमेंट लेकर उससे मुलाकात की जाती है और उसे अपने सर्विस या प्रोडक्ट के बारे में बताया जाता है। इसे person-to-person sales भी कहा जाता है।
- डोर-टू-डोर सेल्स – अपॉइंटमेंट लेकर लोगों के घर जाना और उन्हें प्रोडक्ट का डेमो दिखाना और जानकारी देकर अपना सामान बेंचा जाता है।
- होम मीटिंग्स – इसे पार्टी प्लान भी कहा जाता है। इसमें घर के सदस्यों और जन पहचान के लोगों को घर में बुलाकर एक छोटी सी पार्टी की जा सकती है और उसमे अपनी कंपनी के उत्पाद और सेवाओं के बारे में बताया जा सकता है।
- ऑनलाइन सेलिंग – कई सारी कंपनियां खुद की वेबसाइट बना कर सीधे अपने कस्टमर से आर्डर लेने का काम भी करती हैं।
- वेन्यू सेल्स – जगह-जगह बूथ बना कर, केनोपी लगा कर भी लोगों के बीच अपने प्रोडक्ट का प्रमोशन किया जा सकता है।
- नेटवर्क मार्केटिंग – यह तरीका आजकल बहुत ही पोपुलर होता जा रहा है इसमें आप अपनी तरह सेलर्स की पूरी टीम और नेटवर्क बनाते हैं और आपके नेटवर्क के लोगों द्वारा किये गये सेल्स से भी आपको कुछ परसेंटेज मिल जाता है।
डायरेक्ट सेलिंग के फायदे और नुकसान
जैसा की आपको पता है की हर व्यवसाय में फायदे और कमियां दोनों होतीं हैं इसलिए हमें डायरेक्ट सेलिंग के सन्दर्भ में भी फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी होना चाहिए।
आइये अब जानते हैं की यदि आप डायरेक्ट सेलिंग व्यवसाय करते हैं तो इससे आपको क्या फायदा हो सकता है और डायरेक्ट सेलिंग से आपको क्या नुकसान हो सकता है।
डायरेक्ट सेलिंग के फायदे (Benefits of Direct Selling in Hindi):
- कम लागत का बिज़नेस: इस व्यवसाय को बहुत ही कम लागत में शुरू किया जा सकता है।
- आयु सीमा नही:18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस बिजनेस को कर सकता है।
- कहीं भी काम कर सकते हैं: इसे आप शहर, गाँव कहीं भी रह कर सकते हैं।
- घर से शुरू करें: आप अपने घर से यह काम कर सकते हैं।
- समय की आजादी: आप अपने खाली समय के अनुसार इसे पार्ट टाइम या फुल टाइम कर सकते हैं।
- शैक्षणिक योग्यता की जरुरत नही: इस काम के लिए आपको किसी विशेष डिग्री या शैक्षणिक योग्यता की जरुरत नही है।
- असीमित आय: यहाँ इनकम की कोई सीमा नही है आपके काम के अनुसार आप जितना चाहने कम सकते हैं।
- खाली समय का सदुपयोग: अगर आपके पास थोडा भी खाली समय है तो इस काम को आप कर सकते हैं।
- व्यक्तिगत विकास: आप नये लोगों से मिलते हैं साथ ही आपको कंपनी की तरफ से ट्रेनिंग मिलते हैं जिससे आपका व्यक्तित्व विकास होता है।
- पैसिव इनकम स्त्रोत: आप अगर अच्छे लेवल पर पहुँच जाते हैं तो बिना ज्यादा काम किये भी आपको अच्छी कमाई हो सकती है। पैसिव इनकम की जानकारी के लिए यह पढ़ें: Active Income और Passive Income क्या है? आपके लिए क्या सही है?
डायरेक्ट सेलिंग के नुकसान:
- इस काम के लिए Skills जरुरी है: कहने को तो इस बिजनेस के लिए कोई विशेष पढाई की जरूरत नही है लेकिन इस काम को करने के लिए आपके पास marketing skills होने चाहिए।
- स्कैम और गलत कंपनी के चक्कर में फंसना: कई बार जानकारी के अभाव में लोग फर्जी और गैरकानूनी कंपनियों में जुड़ जाते हैं और नुकसान कर बैठते हैं।
- प्रोडक्ट महंगे होना: ज्यादातर डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के प्रोडक्ट मार्केट में मिलने वाले अन्य उत्पादों की तुलना में महंगे होते हैं।
- इनकम की गारंटी नही: इस व्यवसाय में आपको रेगुलर फिक्स्ड इनकम नही होगी यह अन्य बिज़नेस की तरह ही है।
- दोस्त और रिश्तेदारों से रिश्ते ख़राब हो सकते हैं: यह लोगों से जुड़ने और जोड़ने का बिज़नेस है लेकिन यदि आप रिश्तेदारों के साथ काम करना चाहते हैं तो यह मुश्किल है।
- सफलता पाने में समय लग सकता है: डायरेक्ट सेलिंग में सफलता पाने के लिए आपको लगातार लम्बे समय तक काम करना पड़ सकता है।
डायरेक्ट सेलिंग और नेटवर्क मार्केटिंग में क्या अंतर है? Difference Between Network Marketing and Direct Selling in hindi
अब तक आप समझ गये होंगे की नेटवर्क मार्केटिंग डायरेक्ट सेलिंग का ही एक हिस्सा है। नेटवर्क मार्केटिंग या MLM एक तरीका है जिससे नेटवर्क बना कर डायरेक्ट सेलिंग की जाती है।
“आप नेटवर्क मार्केटिंग को डायरेक्ट सेलिंग कह सकते हैं लेकिन हर डायरेक्ट सेलिंग नेटवर्क मार्केटिंग नही होती“
MLM के सिस्टम में एक डायरेक्ट सेलर अपने निचे एक के निचे एक कई सारे डायरेक्ट सेलर्स की टीम तैयार करता है और उन सभी के द्वारा ख़रीदे गये या बेचे गये सामान के कुछ कमीशन उसे मिल जाते हैं।
नेटवर्क में जुड़े हर एक व्यक्ति को उसके और उसके डाउनलाइन के द्वारा generate किये गये sales के आधार पर लेवल दिया जाता है और उस लेवल के अनुसार उसे पैसे मिलते हैं।
यहाँ पर हर नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का अपना एक business plan होता है जिसके आधार पर commission level और उस लेवल के लिए योग्यता निर्धारित की जाती है।
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Network marketing me succes kese honge